"विश्वास वह पक्षी है जो तब रोशनी महसूस करता है, जब भोर अभी भी अंधेरा होती है।" - रवीन्द्रनाथ टैगोर।
"निर्दयी आलोचना और स्वतंत्र सोच क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण हैं।" - भगत सिंह।
"मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति के आधार पर मापता हूं।" - डॉ बी आर अम्बेडकर।
"सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।" - रामप्रसाद बिस्मिल.
"एक नए भारत का उदय किसानों की झोपड़ी से, हल पकड़ने वाले से, झोपड़ियों से, मोची से, सफाई करने वाले से हो।" - स्वामी विवेकानंद।
"स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।" - बाल गंगाधर तिलक.
उम्मीद करता हूँ की आपको ये सब अच्छा लगा होगा तो जोर से बोलिये भारत माता की जाय.